tag:blogger.com,1999:blog-4925185596568118507.post4024507374816644706..comments2023-09-10T06:32:54.439-07:00Comments on फिलहाल: किसी को गाली किसी को सुहालीगिरिराज किशोरhttp://www.blogger.com/profile/03766307171336096893noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-4925185596568118507.post-56013160246103192582011-08-16T04:59:17.132-07:002011-08-16T04:59:17.132-07:00Superb blog and this is my first visit on this sit...Superb blog and this is my first visit on this site, i am truly inspired from this write up. Thanks a lot for sharing such a awesome blog.Domain registration indiahttp://www.register-web-domain.innoreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4925185596568118507.post-34765772981996024582010-08-17T01:20:27.481-07:002010-08-17T01:20:27.481-07:00परमेन्द्र जी ने एकदम सही पकड़ा हैपरमेन्द्र जी ने एकदम सही पकड़ा हैgauravhttps://www.blogger.com/profile/06050126717542476489noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4925185596568118507.post-41702996775519069932010-08-14T01:59:01.047-07:002010-08-14T01:59:01.047-07:00जिस भेंटवार्ता को सारगर्भित बताया जा रहा है, वह या...जिस भेंटवार्ता को सारगर्भित बताया जा रहा है, वह या तो कालिया-महिमा-गुणगान से पूरित है या ‘नया ज्ञानोदय’ के कालिया-काल में हुए प्रचार-प्रसार के विज्ञापन से। पूरी भेंटवार्ता का मकसद ‘बेवफा’ शब्द को हाईलाइट करना रहा है, भेंटवार्ता का शीर्षक ही इसी हेतु रखा गया है। आत्मविज्ञापन तो नया ज्ञानोदय में काफी समय से चल ही रहा है। साल-भर से अधिक हो चुका है नया ज्ञानोदय के पाठकों को वफा-बेवफा के बीच झूलते और प्रेम की भूतकथा के विज्ञापन झेलते। हैरत की बात तो यह है कि बहुत से प्रगतिशील समझे जाने वाले लोग उनके पक्ष में बोलते नजर आ रहे हैं और उनकी माफी को पर्याप्त माने ले रहे हैं। सवाल यह है कि जब गलती पकड़ में आ ही गयी थी तो पहले दिन ही उन्होंने माफी क्यों नहीं माँग ली। पहले तो वे ‘छिनाल’ शब्द की जाने कैसी-कैसी शोधपरक व्याख्याएँ करने में जुटे रहे।परमेन्द्र सिंहhttps://www.blogger.com/profile/07894578838946949457noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4925185596568118507.post-82467022882365525652010-08-12T09:08:10.030-07:002010-08-12T09:08:10.030-07:00एक शब्द को लेकर जो कीचड़ उछाला जा रहा है, उससे राय...एक शब्द को लेकर जो कीचड़ उछाला जा रहा है, उससे राय साहब का एक सारगर्बित भेंटवार्ता दब गई है। वैसे, आजकल की आत्मकथाओं को पढ़ कर युवा पीढी में क्या संदेश जा रहा है??चंद्रमौलेश्वर प्रसादhttps://www.blogger.com/profile/08384457680652627343noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4925185596568118507.post-5462967792351003612010-08-11T22:07:48.180-07:002010-08-11T22:07:48.180-07:00वाचिक और दैहिक भाषा आदमी की असलियत बयान कर देती है...वाचिक और दैहिक भाषा आदमी की असलियत बयान कर देती है. इन्होंने तो अपनी सोच कागज पर उतार दी. सारे लेखक और पुरुष जब अड्डेबाजी दारुबाजी में गर्क होते हैं, तब भी उनके असली चेहरे समने आते हैं. यही हाल इधर ब्लागों में हो रहा है.Anonymoushttps://www.blogger.com/profile/10354388698350881203noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4925185596568118507.post-71297406629802025992010-08-11T09:22:16.450-07:002010-08-11T09:22:16.450-07:00रवीन्द्र कालिया मेरे favourite लेखकों में हैं उनकी...रवीन्द्र कालिया मेरे favourite लेखकों में हैं उनकी ग़ालिब छुटी शराब मेरे ऊपर everlasting impression छोड़ गयी. उनके हाल के और पिछले साल प्रेम विशेषांकों को बाज़ारवाद के दबाव में उठाया गया कदम बताया जा रहा है पर यह तो यह सेल्फ एविडेंट है और जो frequently literary magazines पढ़ते हैं (उनकी नया ज्ञानोदय मिला कर) उन्होंने एकदम से notice किया, पाठक naturally ये सोचने को प्रवृत्त होता है की यह हो क्या रहा है और उनका यह interview छपने देना ही मुझे निराश कर गया और मुझे अक्सर अविश्वास होता था की इतने वर्ष विभूति नारायण जी के पुलिस सेवा में रहने के बाद क्या उनकी संवेदनशीलता दुरुस्त, सहित्योपयोगी रहेगी. उनके इस interview से साबित हो गया की वे क्या विचार रखते हैं महिलाओं के बारे में और ये बात भी साबित हो गयी की ख़ाली वर्षों के अनुभव ही पर्याप्त नहीं होते किसी के विचारों में अच्छे परिवर्तन होने के लिए और साहित्य रचना के लिए.उनके किये की ख़ातिर उनको कोई हक नहीं है की वो कुलपति के गरिमामयी पद पर बने रहें.gauravhttps://www.blogger.com/profile/06050126717542476489noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4925185596568118507.post-5544273982195970892010-08-11T09:19:47.104-07:002010-08-11T09:19:47.104-07:00This comment has been removed by the author.gauravhttps://www.blogger.com/profile/06050126717542476489noreply@blogger.com