tag:blogger.com,1999:blog-4925185596568118507.post2546666259372507102..comments2023-09-10T06:32:54.439-07:00Comments on फिलहाल: गिरिराज किशोरhttp://www.blogger.com/profile/03766307171336096893noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-4925185596568118507.post-19902017065270991462009-06-14T04:21:16.725-07:002009-06-14T04:21:16.725-07:00हड़ौती नहीं हाड़ौती। आप अपने लेखों के शीर्षक क्यों...हड़ौती नहीं हाड़ौती। आप अपने लेखों के शीर्षक क्यों नहीं देते? कोई तकनीकी कारण? अगर शीर्षक की लाइन में आधे कटे अक्षर आते हैं तो कोई दिक़्क़त नहीं है। प्रकाशित सही होंगे। अगर आप किसी जुगाड़ से हिंदी लिखते हैं, जिसमें लेख के शीर्षक की लाइन में हिंदी में टाइप नहीं कर सकते तो, आप लेख के ख़ाने से टैक्स्ट टाइप करके, उस कट करके, शीर्षक के ख़ाने में पेस्ट कर दीजिए। राइट-क्लिक करके।सोनूhttps://www.blogger.com/profile/15174056220932402176noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4925185596568118507.post-87452531890142521352009-06-11T03:07:23.136-07:002009-06-11T03:07:23.136-07:00वाकई शौकिया अपनी विरासत की खोज में कई लोग लगे हैं,...वाकई शौकिया अपनी विरासत की खोज में कई लोग लगे हैं, मगर सरकारी उदासीनता और तथाकथित एकेडमिक हस्तियों का अंहकार उन्हें उभरने नहीं देता. ज्ञान के वर्गीकरण की इस प्रवृत्ति को रोकना चाहिए.अभिषेक मिश्रhttps://www.blogger.com/profile/07811268886544203698noreply@blogger.com