tag:blogger.com,1999:blog-4925185596568118507.post8716228740401166165..comments2023-09-10T06:32:54.439-07:00Comments on फिलहाल: प्रभाष जोशी हिंदी के अंतिम समर्पित सेनानीगिरिराज किशोरhttp://www.blogger.com/profile/03766307171336096893noreply@blogger.comBlogger7125tag:blogger.com,1999:blog-4925185596568118507.post-90269224188132643552009-11-08T04:09:39.106-08:002009-11-08T04:09:39.106-08:00Ajita ji, mujhe Dr. Ap Gupta ne apke bare mai baty...Ajita ji, mujhe Dr. Ap Gupta ne apke bare mai batya tha. Apse bhent nahi ho saki. Joshi ji ne hindi ko nai shabdawali dee.गिरिराज किशोरhttps://www.blogger.com/profile/03766307171336096893noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4925185596568118507.post-82411848420347413802009-11-07T03:52:38.262-08:002009-11-07T03:52:38.262-08:00प्रभाष जी इस दुनिया से चले गए पर हम जैसे पाठकों के...प्रभाष जी इस दुनिया से चले गए पर हम जैसे पाठकों के दिलों में उन्होंने जो जगह बनाई है उसमें वो सदा रहेंग़े।सुशील छौक्कर https://www.blogger.com/profile/15272642681409272670noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4925185596568118507.post-49546492666889327192009-11-06T20:13:26.643-08:002009-11-06T20:13:26.643-08:00"कोई पत्रकार आज हिंदी में ऐसा नहीं जो हिंदी क..."कोई पत्रकार आज हिंदी में ऐसा नहीं जो हिंदी के सवाल को जन्म मरण का सवाल समझता हो। अधिकतर हिंदी के पत्रकार हिंग्लिश के पत्रकार हैं। उन्हीं का दम था कि जनसत्ता को उन्होंने हिंदी का शीर्ष पत्र बना दिया था।"<br /><br />प्रभाष जी की आत्मा को शान्ति मिले। हिन्दी को उनसे सदा प्रेरणा मिले। उनके जैसे स्पष्टवादी और स्वभाषाप्रेमी हिन्दी को मिलते रहें। <br /><br />विनम्र श्रद्धांजलि !अनुनाद सिंहhttps://www.blogger.com/profile/05634421007709892634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4925185596568118507.post-35311750677549712312009-11-06T19:37:49.319-08:002009-11-06T19:37:49.319-08:00आज आपका ब्लाग देखकर प्रसन्नता हुई। आप उदयपुर आए ...आज आपका ब्लाग देखकर प्रसन्नता हुई। आप उदयपुर आए और मेरा दुर्भाग्य रहा कि मैं आपसे मिल नहीं पायी। मैं उन दिनों मुज्जफर नगर गयी हुई थी। आज आपके ब्लाग को देखकर आपने जन्मस्थान मुज्जफर नगर के बारे में जानकारी मिली। प्रभाष जी से अभी एक साल पहले भोपाल में मिलना हुआ था, वे हिन्दी के लिए समर्पित व्यक्तिव थे। भोपाल में उनका सम्बोधन मील का पत्थर था। उस पर चर्चा होनी चाहिए।अजित गुप्ता का कोनाhttps://www.blogger.com/profile/02729879703297154634noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4925185596568118507.post-84306313434956321022009-11-06T09:37:19.672-08:002009-11-06T09:37:19.672-08:00इतने जल्दी चले जायेंगे किसने सोचा था. मनोहर श्याम ...इतने जल्दी चले जायेंगे किसने सोचा था. मनोहर श्याम जोशी कमलेश्वर और अब प्रभाष जी... अपूरणीय क्षति... उनका लेखन हमेशा युवा रहा.. उनके बेलाग और खरे वैचारिक तेवर हमेशा हमारे साथ रहेंगे....<br />उन्हें विनम्र श्रद्धांजलि..रामकुमार अंकुशhttps://www.blogger.com/profile/01532826001976862972noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4925185596568118507.post-18664173861917197382009-11-06T09:24:12.455-08:002009-11-06T09:24:12.455-08:00सब कुछ याद आएगा
वे नहीं आयेंगे अब
उनके विचार छाय...सब कुछ याद आएगा<br /><br />वे नहीं आयेंगे अब<br /><br />उनके विचार छायेंगे जब।<br /><br />विनम्र श्रद्धांजलि।अविनाश वाचस्पतिhttps://www.blogger.com/profile/05081322291051590431noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4925185596568118507.post-57938870947913477472009-11-06T08:57:41.682-08:002009-11-06T08:57:41.682-08:00joshi ji ko naman, aapke sansmaran ko padkar ek au...joshi ji ko naman, aapke sansmaran ko padkar ek aur phloo pta chla.satish aliyahttps://www.blogger.com/profile/08702498011476888052noreply@blogger.com